मेरा श्याम दरबार (खाटू श्याम) उसकी हर बात निराली है उसकी हर शान निराली है,आती है जिसके धाम की मिट्टी में भी चंदन सी खुशबु वो हर हारे का सहारा मेरा श्याम मुरारी है, वो अवतारी है निरंकारी है हर दुख दर्द को हर लेता वो खाटू श्याम मेरा ऐसा चमत्कारी है,जो ला दे उदास जीवन में ख़ुशियो की लहर वो चाँद सा निर्मोही वो मेरा श्याम बनवारी है, क्यों न समझूँ मैं खुद को ख़ुशनसीब इतनी मेरी जीवन की कश्ती को किनारे लगाने वाला मेरा श्याम अंतर्यामी है, दरबार की सीढ़ियाँ जब जब मुझे बुलाती हैं हर दफ़ा मुख से एक ही नाम श्याम निकलता बस यही मेरी जीवन की कश्ती का माझी है, काव्य मिलन चौथा चरण भक्ति रस मेरा श्याम दरबार (खाटू श्याम) हर हारे का सहारा जय श्री श्याम 🙏 जीवन का एकमात्र सहारा जीवन को नई राह दिखलाने वाला जिनके नाम का सुमिरन किए बिना हमारा