ख़्वाब जो देखे खुली आँखों से मैंने उनकी फ़रियाद ख़ुदा तक पहुँच चुकी है कुछ वापस लौटकर भी आ चुकी है मुकम्मल हो गई जो ख्वाहिशें मेरी सुकून दिल को मेरे पहुँचा चुकी है गर ना हो सकी क़ुबूल चंद ख्वाहिशें वो जुनून मुझमें यूँ पैदा कर चुकी है कि शख़्सियत को मेरी निखार चुकी है। #पुलकी #nojoto #नोजोतो_हिंदी