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रिश्तों में दरार आयीं बेटे न रहे बेटे,भाई न रहे भा

रिश्तों में दरार आयीं बेटे न रहे बेटे,भाई न रहे भाई रिश्तों में दरार आयीं 
परखा है लहू अपना,भरता है  जमाने को
तुफान में कोई भी आया न बचाने को
साहिल पे नज़र आए,कितने ही तमाशाई।

रिश्तों में दरार आयीं!!
ढूँढे से नहीं मिलता,राहत का जहां कोई 
टूटे हुए खवाबों को,ले जाए कहाँ कोई 

रिश्तों में दरार आयीं!!
जख़्मो से खिली कलियाँ,अश्को से खिली शबनम पतझड़ के दरीचे से,आया है नया मौसम रातो की स्याही से,ली सुबहो  ने  अंगङाई

रिश्तों में दरार आयीं!!
टूटे अगर शीशा आवाज़ तो आएगी अपना मुकद्दर है,ये दर्द ये तन्हाई 
रिश्तों  में दरार आयीं!!! #rishte
रिश्तों में दरार आयीं बेटे न रहे बेटे,भाई न रहे भाई रिश्तों में दरार आयीं 
परखा है लहू अपना,भरता है  जमाने को
तुफान में कोई भी आया न बचाने को
साहिल पे नज़र आए,कितने ही तमाशाई।

रिश्तों में दरार आयीं!!
ढूँढे से नहीं मिलता,राहत का जहां कोई 
टूटे हुए खवाबों को,ले जाए कहाँ कोई 

रिश्तों में दरार आयीं!!
जख़्मो से खिली कलियाँ,अश्को से खिली शबनम पतझड़ के दरीचे से,आया है नया मौसम रातो की स्याही से,ली सुबहो  ने  अंगङाई

रिश्तों में दरार आयीं!!
टूटे अगर शीशा आवाज़ तो आएगी अपना मुकद्दर है,ये दर्द ये तन्हाई 
रिश्तों  में दरार आयीं!!! #rishte
sahilkhan3617

Sahil khan

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