रघु कुल रित सदा चली आई प्राण जाई पर वचन ना जाई रावण बसा हर किसी के मन में , फिर भी कहे खुद को रघु राई खुद की बहन घर की शोभा,दूसरे की बहन को बुरी नजर लगाई नफरत बसता सब में यहां,कहते खुद को शांति के खुदाई #Dussehra