गलतियाँ करी हमने कुछ अनजानी थी शायद यहीं शुरू होनी ये कहानी थी... कुछ बातें जो हमे फ़रमानी थी थोड़ी इज़्ज़त शायरी मे कमानी थी... नफरतें मिली कई फ़िर भी वो रूहानी थी नज़्म-ए-इबादत जो हमारी सुफियानी थी... आने वाली जो एक सुनामी थी अब कहाँ रुकने वाली ये कहानी थी... #kahani_meri_kalam_se