#एक_औरत_एक_स्त्री_एक_माँ सुबह से दूसरे के घरों में काम करके थक जाती हैं। फिर भी घर आकर खाना बनाती हैं, देह का अंग-अंग दर्द से टूट रहा होता है। फिर भी किसी से कुछ नहीं कहती है। खाना खाने के लिए , अपनी बारी का इंतजार करती हैं , जब बारी आती है , उसे सारे बर्तन खाली दिखाई देते हैं। फिर भी किसी से कुछ नहीं कहती है।। सुबह-सुबह सकारात्मक सोच के साथ आंखों में एक नई चमक लिए , अपने कामों में व्यस्त हो जाती हैं , समय का पता ही नहीं चलता भूखे पेट दिन भर काम करती हैं। फिर भी किसी से कुछ नहीं कहती हैं।।। #एक_औरत ,#एक_स्त्री, #एक_माँ @sony... #एक_औरत #एक_स्त्री #एक_माँ