जान से मिलने में जान का ख़तरा होगा। यानी सब जान गए घर पर पहरा होगा।। अभी परखना मत रिश्ते कच्चे है टूटेंगे। पुरानी फ़ितरत है चेहरों पे चेहरा होगा।। ठीक मुझे मालूम नही पर अंदाज़ा है, इश्क़ समंदर है,जो बेशक़ गहरा होगा! एक "जनता" है जो ज़मीर से नंगी है। कानून भी यकीनन गूँगा,बहरा होगा।। जान से मिलने में जान का ख़तरा होगा। यानी सब जान गए घर पर पहरा होगा।। अभी परखना मत रिश्ते कच्चे है टूटेंगे। पुरानी फ़ितरत है चेहरों पे चेहरा होगा।। ठीक मुझे मालूम नही पर अंदाज़ा है, इश्क़ समंदर है,जो बेशक़ गहरा होगा!