Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक लड़की हैं जिसको मैं जानता हूँ, उसे अपनी जान मानत

एक लड़की हैं जिसको मैं जानता हूँ,
उसे अपनी जान मानता हूँ,
मिला था उससे जब पहली दफ़ा,
वो बिल्कुल ऐसी न थी,
प्यार मोहब्बत में आ कर वो बदल सी गयी है,
दो शब्दो मे दुनिया उसकी सिमट सी गयी है,
अब कुछ भी पूछो उससे बस वो ‘अच्छा जी’ ही कहती हैं,
इन दो शब्दों में ही अब वो जीती मरती है।
हर पल सोचा करती है,
कुछ डरी सहमी सी भी रहती है ,
कुछ राज छिपाय मन में है,
कुछ बात दबाये दिल मे है,
हर वक़्त उदासी छाती है,
खुश फिर भी सबको दिखलाती है,
जान मुझे बतलाती है,
पर गर पुछु उससे कुछ भी मैं,
‘अच्छा जी’ में ही सर को हिलती हैं…….
घर की ज़िम्मेदारियों को उठाती हैं,
पत्नी होने का हर फ़र्ज़ भी निभाती हैं,
उसे अपनी परवाह बिल्कुल भी न है,
दौड़ा भागी में खुद का ख्याल बिल्कुल भी न रख पाती है,
रोती है रातो को,गर बात कुछ मेरी उसको बुरी लग जाती है,
मैं खुद को कुछ बोलू तो उल्टा मुझसे लड़ने लग जाती है,
अंदर से कमजोर है जानता हूं मैं, पर दुनिया को मजबूत दिखती है,
गर पुछु उससे कुछ भी मैं,
‘अच्छा जी’ में ही सर को हिलती हैं…….राजदीप एक लड़की...।

एक लड़की हैं जिसको मैं जानता हूँ,
उसे अपनी जान मानता हूँ,
मिला था उससे जब पहली दफ़ा,
वो बिल्कुल ऐसी न थी,
प्यार मोहब्बत में आ कर वो बदल सी गयी है,
दो शब्दो मे दुनिया उसकी सिमट सी गयी है,
एक लड़की हैं जिसको मैं जानता हूँ,
उसे अपनी जान मानता हूँ,
मिला था उससे जब पहली दफ़ा,
वो बिल्कुल ऐसी न थी,
प्यार मोहब्बत में आ कर वो बदल सी गयी है,
दो शब्दो मे दुनिया उसकी सिमट सी गयी है,
अब कुछ भी पूछो उससे बस वो ‘अच्छा जी’ ही कहती हैं,
इन दो शब्दों में ही अब वो जीती मरती है।
हर पल सोचा करती है,
कुछ डरी सहमी सी भी रहती है ,
कुछ राज छिपाय मन में है,
कुछ बात दबाये दिल मे है,
हर वक़्त उदासी छाती है,
खुश फिर भी सबको दिखलाती है,
जान मुझे बतलाती है,
पर गर पुछु उससे कुछ भी मैं,
‘अच्छा जी’ में ही सर को हिलती हैं…….
घर की ज़िम्मेदारियों को उठाती हैं,
पत्नी होने का हर फ़र्ज़ भी निभाती हैं,
उसे अपनी परवाह बिल्कुल भी न है,
दौड़ा भागी में खुद का ख्याल बिल्कुल भी न रख पाती है,
रोती है रातो को,गर बात कुछ मेरी उसको बुरी लग जाती है,
मैं खुद को कुछ बोलू तो उल्टा मुझसे लड़ने लग जाती है,
अंदर से कमजोर है जानता हूं मैं, पर दुनिया को मजबूत दिखती है,
गर पुछु उससे कुछ भी मैं,
‘अच्छा जी’ में ही सर को हिलती हैं…….राजदीप एक लड़की...।

एक लड़की हैं जिसको मैं जानता हूँ,
उसे अपनी जान मानता हूँ,
मिला था उससे जब पहली दफ़ा,
वो बिल्कुल ऐसी न थी,
प्यार मोहब्बत में आ कर वो बदल सी गयी है,
दो शब्दो मे दुनिया उसकी सिमट सी गयी है,