लेकिन उपचार में देरी के कारण मरीजों का काफी समय तक कतारों में खड़ा होना पड़ा इस दौरान कई लोग उपचार के ही घरों को लौट गए जबकि कई लोग को निजी अस्पतालों में जाना पड़ा वीरवार को मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में चिकित्सा के उचित मांग पर सहमति बनी और हड़ताल वापस हो गई लेकिन सवाल यह नहीं है कि इस तरह की स्थिति भी उत्पन्न क्यों होती है चिकित्सा में जब भी पहले ही मांगों के बारे में सरकार को अगवा करवा दिया था तो पहले ही वार्ता हो जानी चाहिए थी वह आरती में मुख्यमंत्री उनकी मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया और स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए भारत में कहा गया कि जब चिकित्सा को नियमित घर पर ही भर्ती किया जाएगा सरकार का प्रयास रहेगा कि हर साल आयोग के माध्यम से चिकित्सकों का भर्ती की जाए कमेटी अकादमी भाता टाइम समय बाद पति और दिमाग में 2 माह में अपनी रिपोर्ट देगी स्वागत है कि चिकित्सकों ने पेन डाउन स्ट्राइक के दौरान भी आ पद्धति में सेवाएं देने की बात कही थी और हड़ताल के दौरान भी आपात स्थिति में सेवा देने का ऐलान किया था अब उम्मीद की जानी चाहिए कि चिकित्सकों के जल्द पूरी होंगी और लोगों को समय पर उपचार मिलेगा ©Ek villain #मरीजों को राहत #Nofear