मन बहुत ही व्यथित था, जब तेरे नैनों से पीड़ा भरी बारिश हुई। क्यों मेरी उंगलियां उन बारिश की बूंदों को, बिखरने नहीं देना चाहती थी? शायद उनका बिखरना, तुझको खोने जैसा होता। हसरत रहेगी ताउम्र, यह मेरी आदत बन जाए, कि तेरे नैनों की बूंदों को बिखरने न दिया जाए। तो कहो, अब मैं समेंट लूँ! तम्हारी हसरतों और इन बूंदों को। नहीं! ये गलत नहीं है! शायद इसी बहाने तेरे बदन को यूँ स्पर्श करना, फिर तेरे पहलू में खुद को छुपाना, उस रात से ये मेरी आदत बन जाए....... क्यों मेरी उंगलियाँ .......... #loveshayari #love #nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #shayari #heartbeat #sadshayari #poem #lovepoem