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" इन रास्तों से तेरे घर का पता पुछना चाहता हूं ,

" इन रास्तों से तेरे घर का पता पुछना चाहता हूं , 
कहीं ये तेरे घर के दर तक जाते हैं ना यार ,
अनजान मुसाफ़िर हूं कब कैसे तुझ तक पहुंचू ,
कुछ वक्त की पनाह चाहिए जाने कौन सी राह किस ओर ले जाये. " 

                                     --- रबिन्द्र राम Pic : telegram 

" इन रास्तों से तेरे घर का पता पुछना चाहता हूं , 
कहीं ये तेरे घर के दर तक जाते हैं ना यार ,
अनजान मुसाफ़िर हूं कब कैसे तुझ तक पहुंचू ,
कुछ वक्त की पनाह चाहिए जाने कौन सी राह किस ओर ले जाये. " 

                                     --- रबिन्द्र राम
" इन रास्तों से तेरे घर का पता पुछना चाहता हूं , 
कहीं ये तेरे घर के दर तक जाते हैं ना यार ,
अनजान मुसाफ़िर हूं कब कैसे तुझ तक पहुंचू ,
कुछ वक्त की पनाह चाहिए जाने कौन सी राह किस ओर ले जाये. " 

                                     --- रबिन्द्र राम Pic : telegram 

" इन रास्तों से तेरे घर का पता पुछना चाहता हूं , 
कहीं ये तेरे घर के दर तक जाते हैं ना यार ,
अनजान मुसाफ़िर हूं कब कैसे तुझ तक पहुंचू ,
कुछ वक्त की पनाह चाहिए जाने कौन सी राह किस ओर ले जाये. " 

                                     --- रबिन्द्र राम