प्रिय पंडिताईन... नैनो को अब न चैन प्रिये दिन रैन तुम्हे ही तकते है आती हो समक्ष जब बलखाते दिल धक् धक् मेरे करते हैं क्यों भाग रही है,इतना तेज प्रिये अरे रुकिए,हम जरा धिरे चलते हैं कभी तो मिलिए आकर मुझे हम यही गंगा घाट पे रहते हैं न देखा किजिए यूँ छुप छुप के खिड़की से जलने लगते हैं हमसे जमाने वाले.... #banaras #bihari #ganga_ghat #panditain #hindipoetry #yqdidi #ishq #yqhindi