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सीता के रखवाले राम थे, जब हरण हुआ,तो कोई नही। द्रौ

सीता के रखवाले राम थे,
जब हरण हुआ,तो कोई नही।
द्रौपती के पांच पांडव थे,
जब चिर हरण हुआ,तो कोई नही।
दशरथ के चार दुलारे थे,
जब मृत्यू हुई,तो कोई नही।
अभीमन्यु भी राज दुराले थे,
जब चक्रव्यूह मे थे,तो कोई नही।
सच यही है,दुनीया वालो,
मुसीबत का सामना खुद ही करना पड़ता है,
साथ देने वाला कोई नही।। Take knowledge from lines and other time#keep smiling 😉
सीता के रखवाले राम थे,
जब हरण हुआ,तो कोई नही।
द्रौपती के पांच पांडव थे,
जब चिर हरण हुआ,तो कोई नही।
दशरथ के चार दुलारे थे,
जब मृत्यू हुई,तो कोई नही।
अभीमन्यु भी राज दुराले थे,
जब चक्रव्यूह मे थे,तो कोई नही।
सच यही है,दुनीया वालो,
मुसीबत का सामना खुद ही करना पड़ता है,
साथ देने वाला कोई नही।। Take knowledge from lines and other time#keep smiling 😉