सामने भी नहीं आते हैं। और आते हैं तो हिजाब भी नहीं छोड़ते! के दीदार को दिल तड़प कर रह जाता है, इंकार भी नहीं करते हैं और इज़हार भी नहीं करते। संबंधों की केमिस्ट्री भी ना बहुत अजीब होती हैI हम कैसे कैसे लोगों से निर्वाह करते हैं अगर सोचने बैठें तो हँसी आने लगे ख़ुद परI YQ Didi के साथ collab करेंI अपने विचारों को मुक्तक, कविता, कहानी अथवा संस्मरण के माध्यम से प्रस्तुत करेंI शुभकामनाएँI #कुछ_लोग #collab_yqdidi #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi