बेदर्द बेरहम बेवफाई का आलम छोड़ आया हूँ रिश्तों में लगी बंदिशों के ज़ख्म सहेजता आया हूँ अपनी ही तन्हाई का हर शाम देखता आया हूँ वो तकलीफ-ए-मुहब्बत ख़ाक कर मुस्कुराने के लिए इस छोर लौट आया हूँ ख़ुद को जीने के लिए फ़िर ख़ुद में लौट आया हूँ तकलीफ-ए-मोहब्बत...... #प्यार #मोहब्बत #बेवाफ़ाई #collabchallenge #ज़ज़्बात #खुद_की_तलाश #ज़िन्दगी #खुद