तुम इनसे जलना उनसे पिघलना सिखा करो। दिन रात से वक्त के साथ बदलना सिखा करो।। तुम सीखते हो दीगर अफ़राद से दीगर चीजें। तो लाख गम दिल में दबाए मुस्कुराना हमसे सिखा करो।। Tum Inse Jalna Unse Pighalna Sikha Kro Din Rat Se Wakt Se Sath Badakna Sikha Kro Tum Sikhte Ho Digar Afrad Se Digar Chijen To Lakh Gum Dil me Dabaye Mushkurana Hmse Sikha Kro Adnan Rabbani's Shayari • तुम #इनसे #जलना उनसे #पिघलना सिखा करो। दिन रात से वक्त के #साथ #बदलना सिखा करो।। तुम #सीखते हो दीगर #अफ़राद से दीगर चीजें। तो लाख गम दिल में #दबाए #मुस्कुराना #हमसे सिखा करो।। Tum Inse #Jalna Unse #Pighalna #Sikha Kro Din Rat Se Wakt Se Sath Badakna Sikha Kro