मुख़्तलिफ़ इश्क़ देखे है जमाने में हमने, पर सबसे कम्बख्त मेरा ही इश्क़ निकला। सोचता हूँ अब भूल जाऊंगा उसको, पर ये खाब हर दिन;सालों से हैं दिखता।। °° मुलाहिज़ा फरमाईयेगा लौट आओ तुम अब, बस इतनी इंतेजा हैं, लड़खड़ाया हूँ इतनी दफा, आंखों में बारिश हो चला हैं। अब बस!!भूल कर सब कुछ .... थाम लो ऐसे मुझको? ये बंजारा तेरे इश्क़ में, कितना भीग चुका हैं।। #मुख़्तलिफ़ - different kind of #longdistance #relationship #love #heart #hope #soulmate #life #ss #zeher_shayari #inked #shayra #poetry #modernpoet #poet #shayari #baarish #qismat