उसकी परवाह करते करते खुद की कदर कब खो दी... पता ही नहीं चला...! उसको मंज़िल दिखाते दिखाते खुद रास्ते से कब भटक गई, पता ही नहीं चला....! उसकी राहों में दिया जलाते जलाते खुद का ही हाथ कब जला बैठी, पता ही नहीं चला...! उसको संभालते संभालते खुद कब फिसल गई, पता ही नहीं चला...! पता ही नहीं चला...! 😢😢😢😢😢 #उसकी_परवाह