अधरों पर मुरली वाले। फोड़ने को मटकी वाले। जनम गए हैं जनम गए हैं । देखो माँ यशोदा के लाले। रास रचाये गोपियाँ के संग। गाय चराये इस वन उस वन। मटकी फोड़े गोपियों के ये। चोर कहाये हैं ये माखन। सर्वनास को कंश के आये। वशुदेव गोकुल पहुंचाए। जन्म लिया मा देवकी को। पर यशोदा के लाल कहाए। अवतार हैं विष्णु का ये।। पैदा हो कर कृष्ण कहाए। बढ़ा पाप था द्वापर में जब। पातकियों का संहार कराए।