आदर्श होने का फ़र्क: जब माएँ आदर्श होती हैं, पूत कपूत हो या सपूत, उनके नाम से ही जानी जाती हैं। अगर उनका नाम लोगों का याद भी रहे तो जल्द ही बदल भी जाता है। जैसे, फलाना की माँ, उनकी माता जी आदि आदि.. और जब पिता आदर्श होते हैं तो उनके बेटों के नाम उनके भारी भरकम नामों के बोझ तले गुमनाम हो जाते हैं। बेटा उनके नाम की सीढ़ी चढ़कर ही दुनिया में जाना जाता है और जिंदगी भर फ़लाना का बिटवा ही कहलाता है। #आइडियल #फ़र्क #YQbaba #YQdidi #माँ #बाप