बंद दरवाजे के पीछे एक चीखती आवाज सी आती हैं कुछ हो रहा है बुरा,इस बात का एहसास सा दे जाती हैं बैठ चुपचाप देख तमाशा,क्या हासिल हो जाती है? बढ़ आगे खोल दरवाजे,सायद वो चीखे काम हो जाती है -घरेलू हिंसा ©Ashok #घरेलू_हिंसा #domesticviolence #break_the_silence #thoughtoftheday