Nojoto: Largest Storytelling Platform

इस दुनियां का रिवाज ही कुछ ऐसा है एक है पागल

इस  दुनियां  का  रिवाज ही कुछ  ऐसा है
एक  है  पागल, तो  दूजा  पागल  जैसा है

भावनाओ   की   किसी   को   कद्र   नहीं
हर   रिश्तों   का    आधार  बस   पैसा  हैं

बिकता  है  यहाँ  सच   भी  अदालतों  में
झूठो   का  साथ  देना  यहाँ  का  पेशा  है

जैसा  बोया   वैसा   ही  फल   मिलता  है
यहाँ   हर  एक  शख़्स  जैसे  का  तैसा  है

बना  रहा  उम्र  भर  शरीफ  क्यो  "अल्फाज़"
कौओं के बीच हंस बना तू आदमी कैसा है

©adure alfaz
  #Insaniyat 
#kistarahsochun 
#alfaz_2word 
#poetry_by_kumaramit