मुहब्बत रंग लायेगी मुझको भी यकीन है जरा तू सबर कर अभी वह मजबूर है वह हमें आज भी चाहती है उसे डर है कहीं हम खो न जाये इसलिए वह दूर है आज भी मुझको उसका मैसेज मिलता है आदतन उन्हें हमसे कुछ कहने पर जोर है इश्क में जो दूरी है हमारे तुम्हारे दरमियां एक दिन दूरी मिट जायेगी अब किसका शोर है मुझे यकीन है एक दिन तुम मेरे साथ होगी आरिफ सबसे कहना तुम वो इश्क में चूर है मुहब्बत रंग लायेगी मुझको भी यकीन है जरा तू सबर कर अभी वह मजबूर है वह हमें आज भी चाहती है उसे डर है कहीं हम खो न जाये इसलिए वह दूर है आज भी मुझको उसका मैसेज मिलता है आदतन उन्हें हमसे कुछ कहने पर जोर है