एक सूरज रोज ढलता है, एक चांद रोज निकलता है एक बंदा रोज काम पर जाता है, एक बंदी को रोज घर का काम दिया जाता है। एक सूरज रोज ढलता है, एक चांद रोज निकलता है.... ©Chirag Joshi #antar #samaaj #समाज_की_हकीकत #लड़का #लड़की #MereKhayaal