बहुत बड़ी दुनिया, बहुत 'छोटी' हूॅं मैं... ऑंसू ढ़लके.. ऑंचल तेरा ही खोजूॅं, मॉं! सोच भरी मुस्कानों में ख़ुशी कहॉं है... थक-हारकर बस गोद तुम्हारी तरसूॅं, मॉं! अनुशीर्षक मॉं🤗 ** बहुत सुरक्षित है तुम्हारा ऑंगन, मॉं! अनमोल थे... जीवन की वो सारी दोपहरें। बड़ी हो गई.. कह कर हुई पराई, मॉं! पंख हैं मेरे पर उड़ान सुकून की ढुॅंढ़ती हूॅं।