बोझ है जवाब का पता नहीं अब हिसाब कि बारी है कुछ हम तुम चींटी जैसे माना इसके नहीं अधिकारी है शायद काल कपाट खुला प्रकृति हित में सबका ना. जारी है ©Yash Verma #kaal #karma #sabkanoaayega #kaam25 #PoetInYou