ये चादर सुख की मौला क्यूँ सदा छोटी बनाता है? सिरा कोई भी थामो, दूसरा ख़ुद छूट जाता है तुम्हारे साथ था तो मैं ज़माने भर में रुसवा था मगर अब तुम नहीं हो तो ज़माना साथ गाता है. #TuesdayThought