छुपा रखा है ज़ख्म को.. मतलब ये नही की दर्द नहीं! देकर सितम दिल को, कैसे हो.? क्या ये, पूछने का भी फर्ज़ नहीं..! हमने तुम्हें ऐसे समझा जो सारा ज़माना ना समझ सका... और तुमने हमें अपनो में बेगाना कर दिया.. हमारे अपने तक नहीं भांप पाये।