देख मेरे भारत का बुलंद हौसला, थर थर कांप रहा दुश्मन का जोश खोखला, शायद वो भूल गया सरहद पर कौन बैठा हैं, नापाक अपनी गीदड़ भभकी पर ऐंठा हैं, बार बार खोखली धमकियां वो देता हैं, लगता हैं उसके सीने में खून नही पानी बहता हैं, मेरे देश मे धरती भी सोना उगले हैं, उसके नकली समान मात्र दोगले हैं, खुद का ही खुद पर विश्वास नही, कर गुस्ताख़ी हस्र स्वयं भोगते हैं, सुन ले ओ नापाक , मेरे भारत की तरफ न आंख उठा कर देखना, फिर जो होगा उसका अंजाम खुद ही भोगना, इस बार गुस्ताख़ी माफ न होगी, तेरे ही सरजमीं पर तेरे ही हार होगी, मेरे जाबाज वीरो से ये खुद को न बचा पायेगा, मात्र चींटी बराबर हैं तेरी सेनाशक्ति, तुझें आईना दिखाएंगे हमारी देशभक्ति,। #देश #india #स्वदेशी #गुस्ताख़ी #profoundwriters #