फरसा हाथ में लेकर चला देखो एक वीर था, था तो परम शक्तिशाली पर ना उसमें धीर था। था विद्वानों में भी विद्वान वो पर ना किसी का मीर था।। जमदग्नि- रेणुका ने जन्मी ऐसी संतान थी, सारे ब्रह्माण्ड में उनकी बन गई एक पहचान थी। था मात-पिता का वो आज्ञाकारी, ब्राह्मण कुल का परम हितकारी।। भगवान विष्णु का छठा अवतार था, फरसा उसका हथियार था। करने को ब्राह्मण कुल की रक्षा वो हर दम तैयार था।। जब-जब वो क्रोध में आता था, भूमण्डल कांप सा जाता था। सारे क्षत्रिय कांपने लगते ना कोई सामने आता था।। ना जाने कितनी बार पृथ्वी को, क्षत्रिय विहीन कर डाला था। उसका आराध्य देव भी तो देखो शिव-शंकर डमरू वाला था।। भृगुवंश में जन्म लिया, वो शास्त्र-शस्त्र का ज्ञाता था। लाखों की सेनाओं पर ये सिंह अकेला भारी पड़ जाता था।। ऋषि कश्यप को सप्तदीप भूमण्डल का दान किया, कर्ण, भीष्म, गुरू द्रोण ने जिससे शस्त्रों का था ज्ञान लिया। नहीं कोई विद्वान, विप्र उससे ये सबने था मान लिया।। वो ब्राह्मणों का प्रचारक कहलाया था, रिपुओं का संहारक भी कहलाया था। शिव से परशु पाकर 'राम' से वो 'परशुराम कहलाया था।। - $HUKLA Ji #parshuram #parsuram #परशुराम...