तन की गोरी मन की काली वो काले लिबादो वाली मैं ठहरा फकीर अल्फाजों का उसके हाथ में लकिर सहजादो वाली चांद तारे और फूल नहीं पसंद वो दौलत के मुरादों वाली पल में मेरी पल में रकीब की कैसे कह दू उसे नेक इरादों वाली आंखे खुली और भीड़ हो सन्नाटो वाली नही चाहिए मौत मुझे यादों वाली ©HIMESH panwar तन की गोरी मन की काली वो काले लिबाजो वाली मैं ठहरा फकीर #अल्फाजों का उसके हाथ में #लकिर सहजादो वाली चांद तारे और #फूल नहीं पसंद वो दौलत के मुरादों वाली