ग़म-ए-हालात में हम अक्सर कलम उठाते रहे अपने दिल-ए-हाल पन्नों को सुनाते रहे कौन तवज्जों देता मेरे ज़ज्बात रूपी शब्दों को हम खुद ही को अपने किस्से लिखते और सुनाते रहे!!! ✍️सूरज कुमार "प्रौढ़ कलम" #sad #poem #Poet #kavita #लेखन #surajkumarpraudhkalam #praudhkalam #SurajKumar#praudh #kalam