बारिश जाने कैसी है ये बरसात, खुदा खैर करे, महके-महके से हैं जज्बात खुदा खैर करे। दिल की धड़कन के अलग और निगाहों के भी, जाने कितने हैं सवालात खुदा खैर करे। हम हैं आगोशे-मुहब्बत में सनम के दर पर, उफ़्फ़ ये कैसे हैं ख्यालात खुदा खैर करे । अश्क आँखों में हँसी लब पे उतर आये है उलझे उलझे से हैं हालात खुदा खैर करे। बाद मुद्दत के किया मिलने का वादा उसने, हमपे कैसे ये इनायात खुदा खैर करे। आज गुल पे ये रंग ज्यादा नज़र आए है, गुनगुनाती है कायनात खुदा खैर करे । बरसात#