हर रात यही सोचता हूँ कि अब तुम्हें याद नहीं करूँगा, तुम्हारे ख़्यालों में अपना वक़्त जाया नहीं करूँगा, पर ये सब सोचते-सोचते ही तुम्हारी यादों में, मैं मशगुल हो जाता हूँ, अपने आप से किए वो सारे वादे भूल जाता हूँ, फिर ना जाने कैसे हर्फ़ दर हर्फ़ तुमको बयां करके, एक नई रचना मैं रोज़ कर जाता हूँ.... ✍️ त्यागी एक नई रचना रोज़ कर जाता हूँ... #quoteoftheday #eveingthought #nojotohindi #hindipoetry