आ गई याद में वो दिल दिमाग जज़्बात में वो भुला जब गिनती हीसाब में वो शर्मो हया के हिजाब में वो महकते फूलो के आगाज़ में वो बागों में ज़ुलो की आवाज़ में वो चुभते उन शूलों के शादाब में वो महेनती मज़दूरों के आदाब में वो बस अब बहोत हुआ ये निगाहें मार डालेंगी आँख बंद करो ये फ़िज़ाए साथ आएंगी ये आवामे हमदान है लोगो के लिए वरदान है ये इंगलिस्तान या रूस नही, ये अपना हिंदुस्तान है #dharmuvach✍ समय की रेत फिसलती हुई, ये मेरी उम्र ढलती हुई। #समयकीरेत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #dharmuvach #dharm_desai