लाठी का है सितम ना घर इनका करीब है, पैसा ना हो जिसका वो कितना बदनसीब है।। ना खुदा, ना हुकूमत हुई उसकी क्योंकि वो गरीब है, वाकई खुशकिस्मत है वो जिसे दो वक्त की रोटी नसीब है।। - कुशल चौहान #migrantlabours#coronaeffect #Corona_Lockdown_Rush