अँधेरी रातों में सुनसान राहों पर सहमा सा एक मैं चल रहा था कारण अँधेरा था या ख़ामोस ज़िंदगीं #अँधेरी रातों में सुनसान राहों पर सहमा सा एक मैं चल रहा था कारण अँधेरा था या ख़ामोस ज़िंदगीं.. #©Reserved by #KISHAN KORRAM..