हां बोलकर इश्क़ का फितूर क्यों खत्म करते हो, थोड़ा तो और इठला लिया होता, फितूरे - इश्क़ का लम्हा तो बिता दिया होता, इश्क़ के फितूर की दास्तां तो बयां कर देते, हां बोलकर क्यों इश्क़ का फितूर ही जाया किया करते हो। #फितूर_ए_इश्क़ #खत्म_हुआ_फितूर_ए_इश्क_का #फितूर _बस इतना सा था कि मै हा बोल दू #मेरीक़लमसे #aradhyathakur #apt #YourQuoteAndMine Collaborating with Aradhya thakur