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शक्ल पहचानी नहीं जाती आईने से भी तेरी ! अक्स तलासत

शक्ल पहचानी नहीं जाती आईने से भी तेरी ! अक्स तलासती है फितरत को तेरी! 
बूंद बूंद कर भर जाने दे खाली पड़े घड़े को!
फिर रूह तरस जाएगी थिरकन को तेरी 
जितना उड़ना है उड़ ले तू 
आज खाली आशामा है 
सब्र कर आऊंगा लौट के अभी जरा मै ?
देखनी है कितनी उड़ान बची है बाजुवो में तेरी
नशा है इन आंखों में जरा गौर से देख
कहीं तू भी तो शामिल नहीं है कत्ल में मेरी 

हा मै ढूंढता हूं हर पल तुझे बड़ी शिद्दत से  कभी तो मिल मुझसे फुरसत में जरा 
तेरे गुनाहों कि लिस्ट बड़ी लम्बी हो गई है  बैठ जरा हिसाब तो करले 
यू इस तरह खामोश रह के
तू क्या कहना चाहता है बोल तो जरा अब अा जरा पास भी आ 
यू दूरियों में रह के यू न सता 
मेहफूज हूं मै तेरे बाहों के दरमिया
अब छोड़ भी जरा मेरे करीब आ
#कृष तिवारी #sunrays
शक्ल पहचानी नहीं जाती आईने से भी तेरी ! अक्स तलासती है फितरत को तेरी! 
बूंद बूंद कर भर जाने दे खाली पड़े घड़े को!
फिर रूह तरस जाएगी थिरकन को तेरी 
जितना उड़ना है उड़ ले तू 
आज खाली आशामा है 
सब्र कर आऊंगा लौट के अभी जरा मै ?
देखनी है कितनी उड़ान बची है बाजुवो में तेरी
नशा है इन आंखों में जरा गौर से देख
कहीं तू भी तो शामिल नहीं है कत्ल में मेरी 

हा मै ढूंढता हूं हर पल तुझे बड़ी शिद्दत से  कभी तो मिल मुझसे फुरसत में जरा 
तेरे गुनाहों कि लिस्ट बड़ी लम्बी हो गई है  बैठ जरा हिसाब तो करले 
यू इस तरह खामोश रह के
तू क्या कहना चाहता है बोल तो जरा अब अा जरा पास भी आ 
यू दूरियों में रह के यू न सता 
मेहफूज हूं मै तेरे बाहों के दरमिया
अब छोड़ भी जरा मेरे करीब आ
#कृष तिवारी #sunrays