मैं क्या तारे तोड़ के लाता उसके लिए चाँद भी जिसको छत पे आकर मिल जाता हैं ! इश्क़ में तुमको हाँ कहने में दिक़्क़त क्या है घर बैठे बंदे को नौकर मिल जाता है ! ©Kabir Thakur #thelunarcycle