जहां चंबल की धारा. लाए ठंडी मस्त हवाए जहां जग के साथ अजूबे. एक साथ नजर आए हवाओं को. कदम कदम पर बाग महकाए जहां की बोली मन मे इक मिठास सा घोल जाए अजब लगता है दिन में भी. निशा मे कोई सितारा है कभी आकर देखो तुम भी मेरा शहर कितना प्यारा है #MeraShehar by #Singhshayar