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एक चाहत थी, तेरे साथ जीने की एक रहमत तेरी, साथ छो

एक चाहत थी,  तेरे साथ जीने की
एक रहमत तेरी, साथ छोड़ देने की, 
चल अब तू मुझे अकेला छोड़ भी दे। 
अब कोई आस नहीं है चाहत की, 
अब कोई दर्द नहीं है बाक़ी सीने में, 
तू अगर दिल मेरा तोड़ भी दे। 
अब कोई प्यास न रही, 
न कोई आरज़ू, तेरे होने की, 
हो सके तो भुल भी जा वरना, 
याद रखने का ख्याल छोड़ भी दे। 
और कितनी खुशी दोगे मुझे, 
इतनी ख़ुशी बर्दाश्त होगी नहीं, 
चल अब मुझे मेरे हाल पे छोड़ भी दे।  एक चाहत,
कभी जिसने होने न दी हमको राहत।
#एकचाहत #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
एक चाहत थी,  तेरे साथ जीने की
एक रहमत तेरी, साथ छोड़ देने की, 
चल अब तू मुझे अकेला छोड़ भी दे। 
अब कोई आस नहीं है चाहत की,
एक चाहत थी,  तेरे साथ जीने की
एक रहमत तेरी, साथ छोड़ देने की, 
चल अब तू मुझे अकेला छोड़ भी दे। 
अब कोई आस नहीं है चाहत की, 
अब कोई दर्द नहीं है बाक़ी सीने में, 
तू अगर दिल मेरा तोड़ भी दे। 
अब कोई प्यास न रही, 
न कोई आरज़ू, तेरे होने की, 
हो सके तो भुल भी जा वरना, 
याद रखने का ख्याल छोड़ भी दे। 
और कितनी खुशी दोगे मुझे, 
इतनी ख़ुशी बर्दाश्त होगी नहीं, 
चल अब मुझे मेरे हाल पे छोड़ भी दे।  एक चाहत,
कभी जिसने होने न दी हमको राहत।
#एकचाहत #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
एक चाहत थी,  तेरे साथ जीने की
एक रहमत तेरी, साथ छोड़ देने की, 
चल अब तू मुझे अकेला छोड़ भी दे। 
अब कोई आस नहीं है चाहत की,