जनाजा मेरा उठ रहा था; फिर भी तकलीफ थी उसे आने में; बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी; और कितनी देर है दफनाने में. जनाजा मेरा उठ रहा था; फिर भी तकलीफ थी उसे आने में; बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी; और कितनी देर है दफनाने में. #ekshayar_dS #dS