आओ दो चार जाम हो जाये.. मेरे नाम में तेरा नाम हो जाये.. तू मुझे,मैं तुझे मुसलसल तकते रहे.. तेरी बाहों में ही शाम हो जाये.. तोड़ कर सारी अब ये बंदिशें.. चाहे कुछ भी अब अंजाम हो जाये.. तू मेरा हो गया,मैं तेरी हो गई.. हर जगह ये पैगाम हो जाये.. -✍ पीयूष रंजन बाजपेयी 'नमो' #prb #नमो #रूमानी