तलाश (लघुकथा) राहुल और दीपिका पहाड़ी इलाके में रहते थे उनका स्कूल घर से काफी दूरी पर था वह दोनों एक ही स्कूल और एक ही कक्षा में पढ़ते थे इसलिए बस से स्कूल जाते थे। राहुल और दीपिका बचपन से ही मन ही मन एक दूजे को बहुत प्यार करते थे परंतु कभी भी कहा नहीं। राहुल कभी भी दीपिका के बगल वाली सीट पर नहीं बैठता था चाहे वह क्लास में हो या बस में वह हमेशा पीछे वाली सीट पर बैठकर दीपिका को देखा करता था दीपिका ने कई बार उससे साथ में बैठने का आग्रह किया परंतु वह कोई ना कोई बहाना बनाकर टाल देता था। दीपिका भी उसकी छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखती थी परंतु उसने भी कभी पहल नहीं की। एक बार स्कूल से लौटते वक्त बस खाई में जा गिरी बच्चों को गंभीर चोटें आई दो लोगों की तो मृत्यु भी हो गई थी परंतु दीपिका का कहीं भी कुछ भी पता ना चला राहुल भी गंभीर रूप से घायल हुआ और जब उसे होश आया तो उसने सबसे पहले दीपिका को ही पूछा परंतु किसी के पास कोई भी जवाब ना था कि दीपिका कहाँ है और कैसी है? सभी ने दीपिका को खोजने का बहुत प्रयास किया परंतु दीपिका कहीं भी ना मिली परंतु राहुल का दिल यह मानने को तैयार नहीं था कि दीपिका उससे दूर जा चुकी है या दीपिका अब नहीं है राहुल आज सालों बाद भी उस जंगल के रास्ते पर जाकर दीपिका की तलाश में इस उम्मीद में भटकाता है कि शायद दीपिका उसे कहीं मिल जाए और उसकी ना खत्म होने वाली तलाश खत्म हो जाए। #तलाश(लघुकथा) #क़लम_ए_ह़यात #collabwithक़लम_ए_ह़यात #जन्मदिन_Qeh #cinemagraph