ये जिंदगी कुछ यूँ सवाँरी गई है, कुछ आदतें अपनी सुधारी गई है। बेशक ये झूठ था कि तुम बिन मर जाएंगे, तुम्हारे बाद भी एक जिंदगी गुजारी गई है। vijay poemstime@fb #जुदाई_की_बात #तुम्हारे_बिना #तुम्हारे_बाद #cousinsday My_Words✍✍