तलाश करती हूं खुद को उसकी गहरी आंखों में कहीं छुपा हुआ सा मासूम इश्क दिखाई देता है खिड़की से बाहर बारिश हो रही मन बुन रहा प्रेम कविताएं,,,,,,,,,,,, खाली-खाली से दिन है बैठे हैं फुर्सत में मौसम का आनंद ले रहे,,,,,,, चहक जाता है मन जब मौसम करवट लेता है जैसे भीग रहा हो वो भी प्रेम की बारिश में,,,,,,,,