फ़रेब से निकलकर चला था ईमान को ख़ुदा बनाने लेकिन, ज़िंदगी क्या निकलीं अंजान बस औहाम का आशियाना निकलीं। (औहाम-धोखा, भ्रांतियां) #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #उर्दूशायरी #उर्दू_की_पाठशाला #yourquotedidi #yqdidi #yqbaba #आशुतोष_अंजान