कितने लेगी इम्तिहान और कब तलक रहूं प्यासा प्रिय हसरतें है भींगु साथ तेरे अब और कितने गुजरेगी खामोश सावन की शाम प्रिय कर दो न इंतहा फासलों की नहीं है अब सब्र की दीवार कोई लबों पे लब रख सांसो से खिला दो न बंजर जमीन पे महकता गुलज़ार नायाब तड़पते झुलसे अरमां को कर दो न आजाद प्रिय कितने लेगी इम्तिहान और कब तलक रहूं प्यासा प्रिय । #पागल_प्रेमी #dedicatedtosomeone #desiresoftheheart #..............k❤ #yqdidi #yqbaba #kunu