दिल है लगता जहाँ सिर झुकाता हूँ मैं खुद से खुद को सदा ही बचाता हूँ मैं जानता हूँ कि तुझसे मिलन संभव ही नहीँ .... फिर भी तुझसे मोहब्बत निभाता हूँ मैं.. अनूप पाण्डेय ... #ये_दिल